2027 की जंग के लिए टिकट की दौड़ में अब आजमवादी सक्रिय हो गए हैं। आजम खां के जेल जाने के बाद उनके करीबी पार्टी में हाशिये पर चले गए थे। आजम-अखिलेश की मुलाकात से करीबियों में अच्छे दिनों की उम्मीद बढ़ी है।
सपा के कद्दावर नेता आजम खां की जेल से रिहाई और फिर अखिलेश यादव की रामपुर में उनसे मुलाकात के बाद पश्चिमी यूपी में सियासी हलचल तेज हो गई है। 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए आजमवादी छाप वाले नेता सक्रिय हो गए हैं।
माना जा रहा है कि 2022 के मुकाबले 2027 के विधानसभा चुनावों के टिकट बंटवारे में आजम खां की राय को ज्यादा अहमियत मिलेगी। यही कारण है कि पार्टी में उनके करीबी नेताओं की सक्रियता बढ़ गई है।