विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान कहा कि दुनिया को वैश्विक कार्यबल की जरूरत है और इससे भागा नहीं जा सकता। उन्होंने ट्रंप की कठोर इमिग्रेशन नीतियों और H-1B वीजा शुल्क का जिक्र किया। जयशंकर ने भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को सफल मॉडल बताया।
विदेश मंत्री जयशंकर इन दिनों अमेरिका में हैं। वहां उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान ओआरएफ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि बदलती दुनिया में वैश्विक कार्यबल की आवश्यकता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने साफ कहा कि कई देशों की जनसंख्या अपने स्तर पर श्रमबल की मांग पूरी नहीं कर सकती। उन्होंने आगे कहा कि यह एक ऐसी सच्चाई है, जिससे भागा नहीं जा सकता। सवाल यह है कि वैश्विक कार्यबल को कहां और कैसे समायोजित किया जाए, यह राजनीतिक बहस का विषय हो सकता है, लेकिन इस आवश्यकता से बचा नहीं जा सकता।

