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Himachal: मुख्यमंत्री सुक्खू बोले- हक की लड़ाई जो औरों ने नहीं लड़ी, हम लड़ेंगे, बड़े वकील खड़े कर रहा हूं

Himachal CM: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछली सरकार के समय किसी की हिम्मत थी कि हरियाणा को तब तक पानी नहीं देंगे, जब तक यह बीबीएमबी में हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी का एफिडेविट नहीं देते। उन्होंने कहा कि यह लंबी लड़ाई है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से लेकर बड़े से बड़े वकील खड़े कर रहा हूं।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भाजपा की पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अधिकारों की लड़ाई जो औरों ने नहीं लड़ी हम लड़ेंगे। सीएम बोले यह लंबी लड़ाई है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से लेकर बड़े से बड़े वकील खड़े कर रहा हूं। उन्होंने सवाल किया कि पिछली सरकार के समय किसी की हिम्मत थी कि हरियाणा को तब तक पानी नहीं देंगे, जब तक यह बीबीएमबी में हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी का एफिडेविट नहीं देते। उन्होंने सवाल किया कि कोई सोच सकता था कि वाइल्ड फ्लॉवर हाल वापस आएगा और आज वाइल्ड फ्लॉवर हाल वापस आ गया है। यह नंबर वन प्रॉपर्टी है, जिस पर अब पौने दो करोड़ रुपये महीने के लिए जा रहे हैं। वाइल्ड फ्लॉवर हाल से 23 साल से हिमाचल प्रदेश को एक भी पैसा नहीं मिला। पिछली बार डबल इंजन की सरकार थी और जयराम का इंजन साइलेंस में था। वहां से हुकम आता था, तब हिम्मत होती थी।बुधवार को अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो को साझा कर सीएम ने भाजपा पर हमलावर बयान दिया। उन्हाेंने कहा कि पिछली सरकार के समय यह बातें किसी ने नहीं सुनी थीं, जो इस सरकार के समय उठाई जा रही हैं। सीएम बोले मैं कुछ अपने लिए नहीं कर रहा हूं। मुख्यमंत्री होने के नाते प्रदेश की जनता के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहा हूं। यह संपदा उस जनता की है, जिसका दोहन इन लोगों ने किया। पिछली सरकार तो राम-राम सरकार थी, जिसने कोई काम नहीं किया। प्रदेश की संपदा को लुटाया। पांच साल मजे में लुटाए। हम फैसले कर रहे हैं। यह भी फैसले ले रहे हैं कि कैसे प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जाए और उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या पिछली सरकार के समय किसी की यह पूछने की हिम्मत होती थी कि धौलासिद्ध, लूहरी, सुन्नी परियोजनाएं मुफ्त में बांट लीं। हमने कहा कि हम ऐसे नहीं देंगे। सीएम ने कहा मेरी कोई संपदा नहीं है। प्रदेश के लोगों की संपदा है और इसे बचाना है। अगर मेरा व्यक्तिगत कोई भी हित होता तो मैं बोलता कि पांच साल का टेन्योर है। जनता जिताएगी तो ठीक है। मैं इस नीति से काम नहीं करता।

आज का सोचकर नीतिगत फैसला करता हूं, जिससे प्रदेश का हक न मरे। कोई सोच सकता था कि शराब के ठेकों से राजस्व में 500 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी। मुझे पिछली सरकार के ठेके रिन्यू करने के लिए सभी ठेकेदार मिले। उन्होंने कहा कि रिन्यू कर दो। मैंने कहा कि नहीं यह प्रदेश की संपदा है, नहीं बिकने देंगे। यह पैसा हमारा नहीं है। यह जनता का पैसा है। किसान, युवा, महिला, अनाथ बच्चों और विधवाओं के बच्चों के जो अधिकार हैं, उन्हें हम दे रहे हैं।

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