ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी और फोटो पोस्ट करने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने पुणे के एक स्कूल शिक्षिका के खिलाफ व्हाट्सएप ग्रुप पर अपमानजनक संदेश और तस्वीरें पोस्ट करने के मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति एएस गडकरी और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की पीठ ने कहा कि महिला शिक्षिका ने अपने संदेशों से गंभीर क्षति पहुंचाई है। संदेशों की विषय-वस्तु से स्पष्ट रूप से अपराध करने के इरादे का संकेत मिलता है। इसकी गहन जांच की आवश्यकता है।
आरोपी महिला शिक्षिका ने अपने हाउसिंग सोसाइटी के महिला व्हाट्सएप ग्रुप में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को जलाते हुए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाते हुए वीडियो पोस्ट किया था। इसे लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में एक युवक ने याचिका दायर करके पुणे के कालेपदल पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी। वहीं अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि उसके संदेश और कार्य जानबूझकर और भड़काऊ थे।

