एसआईआर पर भी बोले मुख्य चुनाव आयुक्त
लगभग 22 वर्षों के बाद बिहार में मतदाता सूची के शुद्धिकरण का काम पूरा हुआ। सभी राजनीतिक दलों ने यह मांग की थी कि मतदाता सूची में काफी गड़बड़ियां हैं। सोशल मीडिया में इसके बारे में काफी बढ़-चढ़कर कहा गया। लेकिन सच्चाई यह है कि 243 विधानसभाओं में 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट्स के साथ मिलकर । एसआईआर में जमीनी स्तर के अधिकारियों को जबरदस्त मेहनत करनी पड़ी है। एक नई व्यवस्था बनाई गई है। किसी भी पोलिंग स्टेशन के ठीक बाहर कोई भी मतदाता अपना मोबाइल फोन जमा करा सकता है। इसके बाद वोट करने के बाद इसे लेकर वापस जा सकता है।

