जगदीशपुर (अमेठी)। आषाढ़ गुप्त नवरात्र के दूसरे दिन शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने स्थानीय सेल परिसर स्थित आनंदेश्वर शिव मंदिर में स्थापित मां दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, कृष्ण-राधा और श्रीराम-सीता की विधिपूर्वक पूजा कर मंगलकामना की। दर्शन-पूजन के लिए सुबह से भक्तों का तांता लगा रहा।
मंदिर परिसर में मौजूद पंडित अनिल कुमार शास्त्री ने विशेष रूप से महाविद्या तारा देवी की पूजा संपन्न कराई। उन्होंने बताया कि तारा देवी को श्मशान की अधिष्ठात्री देवी कहा जाता है। हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्र के दूसरे दिन तारा देवी की उपासना का विशेष विधान है। ये मां काली का ही दूसरा स्वरूप मानी जाती हैं, जिनके गले में नरमुंडों की माला रहती है। तंत्र साधना में देवी तारा को सिद्धि और मुक्ति देने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है।
पंडित अनिल शास्त्री ने बताया कि बौद्ध धर्म में भी मां तारा का विशेष स्थान है। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध ने भी मां तारा की साधना की थी। गुरु वशिष्ठ ने भी मोक्ष की प्राप्ति के लिए तारा देवी की आराधना की थी। देवी तारा के तीन प्रमुख स्वरूप हैं उग्रतारा, एकजटा और नील सरस्वती।