अमेठी सिटी। बाल श्रमिक के रूप में घरेलू कार्य कर रही बेटी को सहारा मिला तो उसने इंटर की परीक्षा 68 प्रतिशत अंक के साथ पास की है। भविष्य में वह शिक्षक बनने की तैयारी कर रही है।
जिले के शाहगढ़ विकासखंड की रहने वाली बेटी के पिता की मौत करीब पांच साल पहले बीमारी के चलते हो गई। मां की भी तबीयत खराब हुई तो बेटी ने पढ़ाई के बजाय खुद व छोटे-भाई बहनों के लिए घरेलू कार्य शुरू कर दिया। मामले की जानकारी ग्रामीणों के माध्यम से श्रम विभाग को मिली तो परिजनों व रिश्तेदार को विद्यारंभ योजना के बारे में बताया गया। इसमें 1200 रुपये प्रति माह के अनुसार छात्रवृत्ति का लाभ दिया जाने लगा।श्रम विभाग के सहायक आयुक्त गोविंद यादव ने बताया कि रिश्तेदार की काउंसिलिंग के बाद योजना का लाभ मिला, इसी के साथ उसकी पढ़ाई का भी प्रबंध किया गया। लगातार फालोअप करते रहने से वर्ष 2025 में छात्रा ने 68 प्रतिशत अंक के साथ यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा पास कर ली है। वहीं उसके छोटे-भाई बहन भी पढ़ाई कर रहे हैं। इस कार्य में अब रिश्तेदारों का सहयोग मिल रहा है।
अमेठी तहसील क्षेत्र की एक पांच साल की बेटी को भी पिता की मौत के बाद स्कूल भेजने के बजाय घरेलू कार्य कराया जाने लगा। श्रम विभाग की ओर से इसे भी वर्ष 2021 में चिह्नित कर परिजनों की काउंसिलिंग की गई। इसके बाद बेटी को नियमित रूप से स्कूल भेजने के लिए कहा गया।