सिंहपुर (अमेठी)। पूरे बक्तावर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में रविवार को प्रवाचक आचार्य अखिलेश्वरानंद ने बताया कि कथा का श्रवण कर व्यक्ति सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर भगवत प्राप्ति कर सकता है। साथ ही उसके पाप नष्ट हो जाते हैं।
प्रवाचक ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण हिंदू धर्म के 18 पुराणों में से एक है। यह पुराण भक्तियोग, ज्ञानयोग और कर्मयोग का समन्वय करता है, परंतु इसकी विशेषता भगवत भक्ति है। इसका मुख्य उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं, अवतारों और दिव्य शिक्षाओं का वर्णन करना है। भागवत महात्म्य में बताया गया है कि यह ग्रंथ कलयुग में मोक्ष प्राप्त करने का सर्वोत्तम साधन है। यह मनुष्य के भीतर भक्ति, श्रद्धा, करुणा और वैराग्य उत्पन्न करता है।
प्रवाचक ने बताया कि नारदजी ने व्यासजी को भागवत की रचना का उपदेश दिया, ताकि संसार के लोग मोह, माया और अज्ञान से मुक्त होकर भगवान की भक्ति कर सकें। श्रीमद्भागवत में विशेष रूप से श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं, गोपियों के साथ रासलीला, उद्धव संवाद, प्रह्लाद चरित्र, ध्रुव कथा, गजेंद्र मोक्ष, अजर अमर शुकदेवजी ने राजा परीक्षित को कथा सुनाना आदि प्रसंग अद्भुत हैं। इस दौरान मुख्य यजमान राम बरन साहू, आयोजक वासुदेव सिंह, बाबा जगदीश दास, गौरी शंकर साहू, अनिरुद्ध सिंह, जन्मेजय सिंह, नीरज शुक्ला आदि मौजूद रहे।

