गाजा में तबाही का मंजर हर दिन और भी भयावह होता जा रहा है- मलबे में दबी जिंदगियां, भूख से तड़पते बच्चे और जलते शहर। इस्राइल की ओर से लगातार हो रही बमबारी ने गाजा को एक बार फिर उस ‘नकबा’ की याद दिला दी है, जिसने 1948 में लाखों फलस्तीनियों को उनकी जमीनों से उजाड़ दिया था। इसी बीच अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो का ऐसे समय में इस्राइल दौरा हो रहा है, जब कतर में इस्राइली हमले से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नाराज बताए जा रहे हैं। क्या वॉशिंगटन खुलकर तेल अवीव के साथ खड़ा हो रहा है? क्या हमास से निपटने के नाम पर एक और मानवीय संकट जन्म ले रहा है?
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो रविवार को इस्राइल पहुंचे। उसी समय इस्राइली रक्षा बल (आईडीएफ) ने उत्तरी गाजा पर अपने हमले और तेज कर दिए। इन हमलों में कई ऊंची इमारतें ध्वस्त हो गईं और 13 फलस्तीनियों की मौत हो गई। रुबियो ने इस दौरे से पहले कहा था कि वह इस्राइली अधिकारियों से यह जानने आए हैं कि गाजा में आगे की रणनीति क्या होगी, खासकर पिछले हफ्ते कतर में हमास नेताओं पर हुए इस्राइली हमले के बाद, जिसने युद्ध रोकने की कोशिशों को तगड़ा झटका लगा है।

