अमेठी सिटी। प्रधानाचार्य शैक्षिक प्रक्रिया की धुरी होते हैं। स्वयं शिक्षक की भूमिका का निर्वहन करते हैं। प्रधानाचार्य एक अच्छा प्रशासक होना चाहिए। उसे साहसी होना चाहिए, जिससे विद्यालय में आने वाली समस्याओं का सूझबूझ से निराकरण कर सके। ये बातें शुक्रवार को जन शिक्षा समिति काशी प्रदेश की ओर से आयोजित 10 दिवसीय प्रधानाचार्य प्रशिक्षण वर्ग को संबोधित करते हुए प्रदेश निरीक्षक राज बहादुर दीक्षित ने कहीं।उन्होंने प्रशिक्षण में शामिल सभी प्रधानाचार्यों को दायित्व कार्य, भूमिका व व्यवहार के बारे में जानकारी दी। साथ ही प्रशासकीय, निरीक्षण, शैक्षिक व संपर्क कार्य के बारे में बताया। प्रधानाचार्य के विद्यालय में संसाधन की पूर्ति, छात्रों का प्रवेश, विद्यालय का बजट बनाना, समय सारणी, विभाग का विभाजन करना, पाठ्य पुस्तकों का चयन करना, अनुशासन बनना, विद्यालय का सौंदर्यीकरण करना, कक्षा शिक्षण का अवलोकन करना आदि अनेक कार्य हैं। इस दौरान संभाग निरीक्षक कमलेश, वीरेंद्र सिंह, प्रशिक्षण प्रमुख रामनयन, प्रधानाचार्य संतोष कुमार, शिव कैलाश आदि मौजूद रहे।

