सुबह अंधेरा छटा तो तबाही का मंजर सामने आया। आपदा की चपेट में आने से एक गोशाला पूरी तरह से मलबे में दब गई। जिसके अंदर बंधी दो गाय भी मर गईं।
भिलंगना ब्लॉक के सीमांत क्षेत्र गेंवाली में शुक्रवार तड़के बादल फटने से भारी तबाही हुई है। इस प्राकृतिक आपदा से गांव में निजी और सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया है, हालांकि गनीमत रही कि किसी भी ग्रामीण को कोई चोट नहीं आई। मलबा और बोल्डर बहकर आने से भागीरथी नदी के प्रवाह को भी प्रभावित किया है। जिससे लगभग 100 मीटर तक एक झील बन गई है।
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार तड़के करीब तीन बजे जब ग्रामीण सो रहे थे तभी गांव के ऊपर से एक तेज आवाज आई, जिसने लोगों को दहशत में डाल दिया। ग्रामीणों ने बताया कि यह आवाज बादल फटने के कारण गदेरे (छोटी नदी) में आए मलबे और बोल्डर की थी। जब सुबह अंधेरा छटा तो तबाही का मंजर सामने आया। आपदा की चपेट में आने से एक गोशाला पूरी तरह से मलबे में दब गई। जिसके अंदर बंधी दो गाय भी मर गईं। गांव के पास स्थित शिव और भैरव मंदिर भी मलबे की भेंट चढ़ गए। उनका केवल ऊपरी हिस्सा ही दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों की कई नाली कृषि भूमि तबाह हो गई है। इसके साथ ही पेयजल लाइनें, विद्युत लाइनें, पैदल रास्ते, पेयजल स्रोत और पुलिया भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

